Sunday, June 17, 2012

गुलाल कर लेते


उनकी मोहब्बत से अपनी दुनिया गुलाल कर लेते
उनके हर ख़याल को  जीवन का अहम् सवाल कर लेते
एक बार तो हिम्मत कर के कुछ  कहा होता सनम ने
उनके  लिए तो हम पूरी दुनिया से बबाल कर लेते...............अवनीश ..

Thursday, June 14, 2012

मै तुम्हे डूब के चाहूँगा और मर भी जाऊंगा

मै तुम्हे डूब के चाहूँगा और मर भी जाऊंगा।
मेरी जिंदगी मेरी अपनी है किसी की उधार नहीं॥

ये घर-ये शहर, ये हवा- ये फिजा, धरती -चाँद -सितारे।
सब मेरे अपने है, तेरे होने से मुझे कोई सरोकार नहीं॥

सांसो का मिलना, दिल का धड़कना और तन्हाई में तड़पना।
तुम नहीं समझोगी, ये कुछ और है व्यापार नहीं॥

मत सोच की चाहती है, देखती है, ढूड़ती है हर पहर तुझे।
हरक़ते ही ऐसी है इन आँखों की, ये तेरी दीदार की तलबगार नहीं॥

हँसता हूँ, मुस्कुराता हूँ, चेहरे पे चमक रहती है।
भ्रम में मत रह, ये तेरी मोहब्बत का खुमार नहीं॥

जितना भी चाहो, कोशिशे कर लो, ज़हन से मिटा ना पाओगी।
मैं पत्थर की लकीर हूँ, कागज़ पे छपा अखबार नहीं॥

सीने से लगाये फिरता हूँ, आज तक तस्वीर तेरी।
ये भी सच है मगर, की अब मुझे तुझसे प्यार नहीं॥

अभी जिन्दा हुँ

हंसा लो मुझको, रुला लो मुझको,
अभी जिन्दा हुँ, सता लो मुझको।

देखूंगा ना बोलूंगा, रूठा ही रहूँगा,
अभी जिन्दा हुँ, मना लो मुझको,

किसने देखा है, खुद को फ़ना होते,
अभी जिन्दा हुँ, जला दो मुझको।

धडकनें रुकी, तो पलक न खुलेगी,
अभी जिन्दा हुँ, रुला लो मुझको।

मोहब्बत है, या इंकार है तुमको,
अभी जिन्दा हुँ, बता दो मुझको।

जो हुआ सो हुआ, गलत या सही,
अभी जिन्दा हुँ, सजा दो मुझको।

गर गया दूर तो, याद बहुत आउँगा,
अभी जिन्दा हुँ, भुला दो मुझको।